( भारतआ जोंनि जिउनि आंगो )
2. गीत को ध्यान
से पढ़ो और सही कथनों के आगे और गलत कथन के आगे का निशान लगाओ :
(मेथायखौ गोसो होनानै फराय आरो गेबें बाथ्राफोरनि सिगांआव ✓ आरो गोरोन्थि बाथ्राफोर निसिगां आव ✗ सिन हो।)
(बयनिबो थाखाय गावनि हादोरा जिउनिख्रुइ आंगो जायो।)
(ख) सदियों से भारत दुनिया का गौरव रहा है। [ ]
( भारतआ गोबां जौथाइनिफ्राय मुलुगनि गोग्गानाय जानानै दं।)
(ग) यह कोई नहीं चाहता कि उसका देश टूट कर अलग
हो जाए।
(रावबो गावनि हादोरखौ गावस्रानानै आलादा
जाजानो लुबैया।)
(घ) हमारे देश में हिंदू-मुसलमानों में एकता
नहीं है।
(जोंनि हादराव हिन्दु आरो
मुसलमानफोरनि गेजेराव गोरोबनाय गैया।)
(ङ) हम सब भारतवासी हैं।
(जों गासैबो भारतारि।)
(च) भारत में अनेक भाषाएँ प्रचलित हैं।
(भारताव गोबां रावफोर रायज्लायनाय जायो।)
उत्तर: (क) [✓]
(ख) [✓]
(ग) [✓]
(घ) [✗]
(ङ) [✓]
(च) [✓]
इनके सभी गुण एक हैं, भाषा अलग सुर एक हैं
कश्मीर से मद्रास तक, कह दो सभी हम एक है
आवाज दो हम एक हैं
जागो..........
(आसामनिफ्राय गुजरातसिम, बेंगलनिफ्राय महाराष्ट्रसिम
बिसोरनि गासैबो गुनफोरा रोखोमसे, रावफोरा गुबुन नाथाय बिसोरनि देंखोआ रोखोमसे
काश्मीरनिफ्राय माद्राससिम, बुं जों गासैबो मोनसे
गारांखौ हो जों मोनसे
सिरिमोन......)
उत्तर: इस गीतांश का अर्थ यह है कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जहाँ अलग-अलग राज्यों में विभिन्न भाषाएँ बोली जाती हैं, लेकिन फिर भी सभी भारतीय एक हैं। असम से लेकर गुजरात तक, बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक, हर राज्य की अपनी विशेषता है, लेकिन उनके मूल गुण समान हैं। इसी तरह, कश्मीर से माद्रास तक पूरे देश में एकता और भाईचारे की भावना है। इस पंक्ति के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि भाषा, क्षेत्र या संस्कृति की भिन्नता के बावजूद, हम सभी भारतीय हैं और एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
(बे मेथाइनि ओंथिया बेनो दि भारतआ मोनसे गुबुन-गुबुन रोखोमनि हादोर, जेराव गुबुन-गुबुन रायजोफोराव गुबुन-गुबुन रावफोर रायज्लायनाय जायो, नाथाय दासिमबो गासैबो भारतारिफोरा मोनसे। आसामनिफ्राय गुजरातसिम, बेंगलनिफ्राय महाराष्ट्रसिम, मोनफ्रोमबो रायजोनि गावनि जुनियाथि दं, नाथाय बिसोरनि गुदि गुनफोरा एखे। रोखोमसेयै, काश्मीरनिफ्राय माद्राससिम, गासै हादोरावनो जथाइ आरो बिदा-फंबायनि मोन्दांथि दं। बे लाइननि गेजेरजों होनाय रादाबआ बेनो दि राव, ओनसोल एबा हारिमुआव फारागथि थासेयावबो जों गासैबो भारतारि आरो गोरोबथिया जोंनि बयनिख्रुइबो देरसिन गोहो।)
पाठ के आस-पास :
3. भारत भूमि सदियों से 'दुनिया की शान' बनी रही, इसके कारण क्या-क्या हो सकते हैं? कक्षा में चर्चा करो।
उत्तर: भारत सदियों से दुनिया की शान इसलिए बना रहा
क्योंकि यह ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति, धर्म और सहिष्णुता का केंद्र रहा है। यहाँ महान
ऋषि-मुनियों ने वेदों और उपनिषदों की रचना की, कई सभ्यताएँ फली-फूलीं और दुनिया को योग, आयुर्वेद,
शून्य की खोज, तथा अनेक वैज्ञानिक उपलब्धियाँ दीं। इसके अलावा,
यहाँ विभिन्न धर्मों,
संस्कृतियों और भाषाओं के
लोग प्रेम और एकता के साथ रहते आए हैं।
लेकिन, यदि जातिवाद, धार्मिक भेदभाव, भ्रष्टाचार और अशिक्षा जैसी बुराइयाँ बनी
रहेंगी, तो यह हमारी एकता
और गौरव को कम कर सकती हैं। इसलिए, हमें इन नकारात्मक चीजों से बचना चाहिए।
4. गीत में हिंदू और इस्लाम धर्म का
संकेत मिलता है। हमारे देश में और क्या-क्या धर्म हैं? इन धर्मों की प्रमुख सीखें क्या-क्या
हैं? इसकी जानकारी प्राप्त करो। फिर मंडली
में बैठकर सभी धर्मों की समान बातों को ढूँढ़कर लिखो।
उत्तर: भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, जिनमें प्रमुख धर्म निम्नलिखित हैं:
- हिंदू धर्म – यह भारत का सबसे प्राचीन धर्म है, जिसमें वेद, उपनिषद और भगवद गीता जैसे ग्रंथ
महत्वपूर्ण हैं। कर्म, धर्म और मोक्ष इसकी प्रमुख अवधारणाएँ
हैं।
- इस्लाम धर्म – यह पैगंबर मोहम्मद द्वारा प्रवर्तित धर्म है, जिसका पवित्र ग्रंथ ‘कुरान’ है। यह एकेश्वरवाद, दया और भलाई पर जोर देता है।
- सिख धर्म – गुरु नानक देव द्वारा स्थापित यह धर्म एकेश्वरवाद, सेवा और समानता की शिक्षा देता है। गुरु ग्रंथ साहिब
इसका पवित्र ग्रंथ है।
- बौद्ध धर्म – भगवान बुद्ध द्वारा प्रवर्तित यह धर्म अहिंसा, ध्यान और चार आर्य सत्यों पर आधारित है।
- जैन धर्म – यह धर्म महावीर स्वामी द्वारा स्थापित किया गया, जो अहिंसा, अपरिग्रह और सत्य की शिक्षा देता है।
- ईसाई धर्म – यह यीशु मसीह के उपदेशों पर आधारित है और बाइबिल इसका पवित्र ग्रंथ है।
सभी धर्मों का मूल संदेश प्रेम, शांति और मानवता की सेवा करना है। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और एक-दूसरे के प्रति सद्भावना रखनी चाहिए।
उत्तर: अपने देश या मातृभूमि के प्रति हमारा पहला कर्तव्य यह है कि हम इसे प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाएँ। इसके लिए हमें:
- देश के कानून और संविधान का पालन करना चाहिए।
- जाति, धर्म, भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर एकता बनाए रखनी चाहिए।
- अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए, चाहे हम विद्यार्थी हों, सैनिक हों, या किसान।
- स्वच्छता, पर्यावरण सुरक्षा, और जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
- गरीबों, जरूरतमंदों और समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करनी चाहिए।
- देश की संस्कृति और विरासत को सम्मान देना चाहिए और उसकी रक्षा करनी चाहिए।
6. राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए? आपस में चर्चा करो और लिखो।
उत्तर: राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए हमें निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:
- सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करें – हमें सभी धर्मों और रीति-रिवाजों को समान रूप से आदर देना चाहिए।
- जातिवाद और क्षेत्रवाद से बचें – हमें जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए।
- सभी भाषाओं का सम्मान करें – भारत में विभिन्न भाषाएँ बोली जाती हैं, हमें सभी भाषाओं को महत्व देना चाहिए।
- देश की एकता को बनाए रखें – देश को विभाजित करने वाले विचारों से दूर रहना चाहिए और एकता की भावना को बढ़ावा देना चाहिए।
- राष्ट्रभक्ति और देश सेवा का भाव जगाएँ – हमें अपने देश के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए और उसके विकास में योगदान देना चाहिए।
- शिक्षा और जागरूकता फैलाएँ – सही शिक्षा से हम देश की अखंडता को बनाए रख सकते हैं और समाज में समरसता ला सकते हैं।
उत्तर:
भाषा का नाम |
किस राज्य में यह भाषा बोली जाती है |
हिंदी |
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान |
असमिया |
असम |
बोडो |
असम, मेघालय |
बंगाली |
पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा |
मराठी |
महाराष्ट्र |
गुजराती |
गुजरात |
तमिल |
तमिलनाडु |
तेलुगु |
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
भाषा-अध्ययन :
1. "जननी
जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" इस कथन का मूल भाव स्पष्ट करो और अपनी
जन्मभूमि की रक्षा के लिए तुम क्या करोगे, पाँच
वाक्यों में लिखो :
उत्तर: "जननी जन्मभूमिश्च
स्वर्गादपि गरीयसी"
इस कथन का अर्थ है कि
माता और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होती हैं। जिस प्रकार माँ हमें जन्म देकर
पालती-पोसती है, उसी प्रकार हमारी जन्मभूमि भी हमें पहचान,
संस्कृति, और आजीविका प्रदान करती है। इसलिए, हमें अपनी जन्मभूमि का सम्मान करना चाहिए और
उसकी रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए।
मैं अपनी जन्मभूमि की रक्षा के लिए:
- पर्यावरण की सुरक्षा करूंगा (पेड़ लगाऊंगा, जल और वायु को स्वच्छ रखूंगा)।
- स्वच्छता बनाए रखूंगा और गंदगी नहीं फैलाऊंगा।
- अपने देश और समाज की उन्नति के लिए अच्छी शिक्षा प्राप्त करूंगा।
- जरूरतमंदों की मदद करूंगा और एक अच्छा नागरिक बनूंगा।
- भारत की एकता और अखंडता बनाए रखने में योगदान दूंगा।
अतिरिक्त प्रश्न एवं उत्तर ( उफ्रा सोंथिफोर आरो फिनफोर)
1. इस
कविता का मुख्य संदेश क्या है?
(बे खन्थायनि गुबै रादाबा मा?)
उत्तर: कविता देशभक्ति, एकता और भाईचारे का संदेश देती
है।
(बे खन्थायआ हादोर सिबिनायनि, गोरोबनाय आरो बिदा-फंबायनि रादाब होयो।)
2. कवि ने
भारत को "दुनिया की शान" क्यों कहा है?
(खन्थायगिरिया भारतखौ "मुलुगनि गोग्गानाय" मानो
बुंदोंमोन?)
उत्तर: भारत की संस्कृति, वीरता और समृद्धि के कारण।
3. कविता में ‘भाई-भाई’
की भावना को कैसे व्यक्त किया गया है?
उत्तर: भारत में सभी धर्मों के लोग प्रेमपूर्वक रहते हैं।
4. कविता के अनुसार, हमें
अपने देश के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: एकता बनाए रखना, स्वच्छता और विकास में योगदान
देना।
5. कविता में ‘गुलिस्तां’
शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: फूलों का बगीचा, जो भारत की सुंदरता दर्शाता है।
6. "असम से गुजरात तक, बंगाल
से महाराष्ट्र तक" - इस पंक्ति का आशय क्या है?
उत्तर: भारत के सभी राज्यों की विविधता और एकता को दर्शाना।
7. कविता में हिंदू-मुस्लिम एकता का क्या
महत्व बताया गया है?
उत्तर: सभी धर्मों का सम्मान और आपसी भाईचारा बनाए रखना।
8. भारत को महान बनाने के लिए हम क्या कर
सकते हैं?
उत्तर: पढ़ाई करें, पर्यावरण की रक्षा करें, ईमानदारी
से कार्य करें।